बरेली के पीलीभीत बाइपास पर प्लॉट विवाद में हुई फायरिंग के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार की सुबह बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) की टीम ने आरोपी प्रॉपर्टी डीलर राजीव राना के होटल और ऑफिस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। बुलडोजर से सबसे पहले राना के ऑफिस का गेट तोड़ा गया, इसके बाद टीम ने अंदर जाकर छानबीन की।
कार्रवाई से पहले राना के होटल और ऑफिस के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। इस दौरान बीडीए वीसी भी मौके पर मौजूद थे। सुरक्षा के दृष्टिगत आसपास की दुकानों को बंद करा दिया गया। पुलिस की तैनाती में पीएसी और कई थानों की फोर्स शामिल थी।
क्या था मामला?
22 जून को पीलीभीत बाइपास पर एक प्लॉट को लेकर राजीव राना और आदित्य उपाध्याय के गुटों में फायरिंग हुई थी। इस घटना के बाद शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे। शासन ने मामले की रिपोर्ट तलब की थी। पुलिस ने आदित्य उपाध्याय के चौकीदार रोहित की शिकायत पर भाजपा के पूर्व विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, उनके नजदीकी राजीव राना समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें 150 अज्ञात हमलावर भी शामिल हैं। अब तक 21 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है।
मुख्य आरोपी फरार
मुख्य आरोपी राजीव राना और केपी यादव अभी फरार हैं। राना की सरेंडर अर्जी पर 29 जून को कोर्ट में सुनवाई होगी, जबकि केपी यादव की आत्मसमर्पण अर्जी पर बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। इसी बीच बृहस्पतिवार को पुलिस और बीडीए की टीम ने राना के होटल और ऑफिस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।
फायरिंग में शामिल लोगों की पहचान
फायरिंग मामले में 55 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है। पुलिस ने आसपास के सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी, जिनमें से 25 कैमरे घटना के वक्त चालू थे। इन फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई है। कई आरोपी अपने मोबाइल फोन बंद करके फरार हो गए हैं और मुकदमे में उनके नाम खोले जा रहे हैं।
बता दे, इस कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा दी है और प्रशासन के इस कदम से कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने का संदेश दिया गया है।
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