राजधानी लखनऊ में छात्रा पर एसिड अटैक की षड्यंत्र के पीछे उसका मौसेरा भाई ही निकला। उसी ने वारदात के दिन अपने दोस्त को घटनास्थल की लोकेशन भेजी थी। फिर उससे हमला कराया। इसे लेकर कई अहम सुबूत मिले हैं। पुलिस और सुबूत जुटाकर उनकी छानबीन करने में जुटी है। चौक निवासी 20 वर्षीय छात्रा बीते 3 जुलाई की सुबह लोहिया पार्क के पास मौसेरे भाई से मिलने गई थी। तभी एक शख्स ने एसिड से हमला कर दिया था, जिसमें छात्रा और उसका मौसेरा भाई झुलस गए थे। दोनों का प्रथिमिक इलाज जारी है।
आपको बता दें घटना के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने मुठभेड़ में एसिड फेंकने वाले लखीमपुर के अभिषेक वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार मामले की जांच आगे बढ़ी तो ऐसे कई सुबूत सामने आए, जिसमें छात्रा के मौसेरे भाई की ही भूमिका संदिग्ध होती गई। कई सुबूतों से साफ हो गया कि वारदात का षड्यंत्र उसी ने रचा था। हालांकि अभी वह एडमिट है, इसलिए पुलिस आगे कार्रवाई नहीं कर रही है। उसकी हालत में सुधार होने के बाद उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
किस तरह से साजिश हुई बेनकाब ?
बीते 3 जुलाई की रात पुलिस ने जब मुठभेड़ में अभिषेक को पकड़ा तो उसके पास से बरामद बाइक छात्रा के मौसेरे भाई के पिता की निकली। इससे शक गहराया हो गया। कॉल डिटेल चेक हुई तो आरोपी और छात्रा के मौसेरे भाई से लगातार बातचीत होने की पुष्टि हुई।घटना के दिन भी दोनों में बातचीत हुई थी। वहीं, मौसेरा भाई घटनास्थल पर पहले पहुंचा था, इसके बाद उसने अभिषेक को वहां आने के लिए लोकेशन भेजी थी। इसके अलावा कई सुबूत सामने आए है जिससे छात्रा के मौसेरे भाई की भूमिका उजागर हुई।
कारण पता करने में जुटी पुलिस
सूत्रों के अनुसार मौसेरे भाई ने ही अभिषेक को एसिड दिया था। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया? पुलिस इसका कारण पता कर रही है। पारिवारिक मामला होने से पुलिस जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। मामले की तह तक जाने और पूरे सुबूत जुटाने के बाद खुलासा करेगी।
मामले में नहीं चाहता था अपना नाम
वहीं छात्रा के पिता ने बताया है कि घटना के बाद उनके घायल भतीजे ने यह बात कही थी कि एफआईआर में उसका नाम न आए। इसके पीछे उसने तर्क दिया था कि उसकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा।छात्रा के पिता ने बताया कि घायल भतीजे ने जब यह बात उनसे कही तो कुछ पल के लिए वह भी सन्न रह गए। वह चाहता था कि पुलिस तक उसका नाम न पहुंचे। इस पर उन्होंने समझाया था कि अगर वह पुलिस को उसके बारे में न भी बताएं तो भी पुलिस विवेचना में सच का पता लगा लेगी। तब उसका नाम सामने आ जाएगा। यह सुनने के बाद वह चुप हो गया था।
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