गुमराह या धर्म परिवर्तन कर शादी किए तो अब आजीवन कारावास होगा। जी हां, उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक ऐसा विधेयक पास हुआ है जिसमें गुमराह कर शादी करने या फिर धर्म परिवर्तन कराने (अनुसूचित जाति और जनजाति (एससी-एसटी) के मामलों में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। मंगलवार को यूपी विधानसभा में उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी गई है।
प्रदेश सरकार की तरफ से इससे पहले जब विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021 पारित हुआ था तो उसमें एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। अब इसमें संशोधन करके पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने दोनों ही तरीके से और मजबूत किया गया है। नए प्रावधानों के अनुसार यदि किसी नाबालिग, दिव्यांग और मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश होती है तो फिर अब दोषी को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। इसके अलावा अब एक लाख रुपये जुर्माना भी लगेगा। इसके अलावा सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा का अब प्रावधान होगा।
बता दें कि योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यह विधेयक पेश किया था। आज यानी मंगलवार को इसे पास कर दिया गया है। अब इसके बाद इसे विधान परिषद को भेजा जाना है। दोनों सदनों से पारित होने के बाद राज्यपाल के पास यह जाएगा। इसके बाद इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति ही अंतिम मुहर लगाएंगी।
यह है विधेयक का मकसद
अब चलिए बताते हैं कि आखिर इस विधेयक का मकसद क्या है। दअरसल, यह संशोधन इसलिए किया गया है कि धर्म परिर्वतन के अपराध की संवेदनशीलता और गंभीरता के मद्देनजर उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे विदेशी एवं राष्ट्र विरोधी ताकतों की संगठित साजिश को रोकने की कोशिश होगी। इसी वजह से सजा और जुर्माने की राशि को बढ़ाने के साथ जमानत की कड़ी शर्तों के प्रावधान किए गये हैं। साथ ही नाबालिग, दिव्यांग और मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों को भी इस अपराध का शिकार होने से बचाया जा सकेगा।
यह भी पढ़े: झारखंड ट्रेन हादसा: केंद्र सरकार पर ममता -अखिलेश का फूटा गुस्सा, केंद्र पर जमकर बरसे