अब आधार कार्ड में जन्मतिथि और नाम बदलवाना कठिन हो गया है। यूनीक आईडेंटिटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के बदले नियमों से आवेदक बहुत परेशान हैं। जन्मतिथि में बदलाव के लिए जन्म प्रमाणपत्र और हाईस्कूल की मार्कशीट को अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं, पूरा नाम बदलने पर भारत सरकार की गजट प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। 60% संशोधन इन्हीं के हैं। अभी तक प्रधान, विधायक या किसी PCS अधिकारी से प्रमाणित किए हुए पत्र के माध्यम से बदलाव हो जाता था। बता दें कि जन्मतिथि में बदलाव के लिए एक व नाम के बदलाव में महज दो मौका दिया जा रहा हैं।
फीडिंग में हुई है गलती
भारत सरकार ने निजी कंपनियों ने आधार कार्ड बनाने वालों ने नाम की स्पेलिंग, पता और जन्मतिथि की फीडिंग गलत कर दी। कई ग्रामीणों के एड्रेस ही बदल दिए। जब आधार एक पहचान बना तो सरकार ने सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक खाता, मोबाइल, पैन कार्ड इत्यादि को लिंक करा दिया। इसके बाद हुई गड़बड़ी का पता चला। लोग आधार सेवा केंद्र में जन्मतिथि और नाम में बदलाव कराने पहुंचने लगे।
कानपुर जिले के आधार सेवा केंद्र के आपरेशन मैनेजर अजय कुमार ने बताया है कि 18 साल से कम आयु की जन्मतिथि में जन्म प्रमाण पत्र और उससे ऊपर के पुरुष और महिला की जन्मतिथि संशोधन के लिए हाईस्कूल की मार्कशीट अनिवार्य है। वहीं,सरकारी सेवा के लोग अपने पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन, हाईस्कूल पास न करने वाली महिलाएं व पुरुषों के बदलाव में दिक्कत है। इनके लिए जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य है। अगर जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में दिक्कत हो रही है तो फिर ये प्रधान के लेटर पैड के साथ पड़ोसियों से पूछताछ होगी।एक हलफनामा बनवाकर देना होगा, साथ में माता-पिता का आधार कार्ड लगाना होगा। यही नहीं किसी एमबीबीएस डॉक्टर के पर्चे में उम्र की प्रमाणिकता भी कराना जरूरी है, उसको आधार कार्यालय में जमा करते हैं तो जन्म तिथि में संशोधन हो जाएगा।
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