उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के बीच चल रही तल्खी क्या दूर हो गई है? क्या दोनों के बीच पैदा हुई दरार खत्म हो गई है? या फिर ये सिर्फ चुनावी स्टंट है। यूपी की राजनीति में एक बार फिर ये बातें सुर्खियों बंटोरने लगी हैं। ऐसा क्यों हो रहा है चलिए विस्तार से बताते हैं।
दरअसल ,केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में राज्य की योगी सरकार की जमकर तारीफ की है। एक कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राज्य सरकार की तारीफ की और उपलब्धिया गिनाईं। उन्होंने कहा ”’देश में भी भाजपा की सरकार है और राज्य में भी. आप भी यह जानते और मानते हैं कि हमारी डबल इंजन की सरकार स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे अच्छा कार्य कर रही है. दुनिया में पीएम मोदी जैसा कोई दूसरा नेता है क्या और देश योगी आदित्यनाथ जैसा कोई दूसरा मुख्यमंत्री है क्या? दुनिया के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता हमारे पीएम मोदी हैं और देश में जब सभी मुख्यमंत्रियों की तुलना होती है तो सबसे अच्छा काम सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में किया जा रहा है।”
इसे शीत युद्ध का अंत माना जाए?
दरअसल, अभी कुछ दिन पहले तय यह माना जा रहा था कि केशव प्रसाद और योगी आदित्यनाथ के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। केशव प्रसाद लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे थे और माना जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। इसे लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी मौर्य पर खूब तंज कसे थे। लेकिन अब केशव प्रसाद ने जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की तारीफ की है, उससे लगता है कि दोनों के बीच शीत युद्ध खत्म हो गया है।
#हालांकि कुछ लोग इसे आने वाले उपचुनाव से भी जोड़कर देख रहे हैं। यूपी में 10 सीटों पर उपचुनाव है। ऐसे में जनता के बीच गलत मैसेज न जाए इसलिए भी माना जा रहा है कि केशव प्रसाद ने प्रदेश सरकार की तारीफ की है। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान का भी यह निर्देश है कि सभी नेता एक ही सुर में बोलें। जनता में किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
बता दें, केशव प्रसाद चर्चा का मुद्दा तब बन गए थे जब उन्होंने ये बयान दिया था कि की संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है। संगठन मजबूत होगा, तभी सरकार भी मजबूत होगी। उनके इस बयान से ये माना जा रहा था की केशव प्रसाद और पार्टी के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा। इस बयान का विपक्ष ने भी खूब फायदा उठाया। सपा प्रमुख अखिलेश ने इसमें चुटकी लेते हुए मानसून ऑफर तक दे दिया था और कहा था कि ‘100 लाओ सरकार बनाओ’.
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