सोशल मीडिया पर इन दिनों एक हेयर ऑयल का नाम तेजी से वायरल हो रहा है, जिसका नाम है आदिवासी हेयर ऑयल। बताया जा रहा है कि यह तेल कर्नाटक के हक्की पिक्की जनजाति द्वारा तैयार किया जाता है, जिसमें 108 से भी अधिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं। दावा किया जा रहा है कि यह तेल बालों की ग्रोथ बढ़ाने, गंजेपन का इलाज करने और रूसी को खत्म करने में सक्षम है। लेकिन क्या ये दावे सच हैं, या सिर्फ एक मार्केटिंग रणनीति?
सेलिब्रिटी और इंफ्लूएंसर प्रमोशन
कॉमेडियन भारती सिंह और कोरियोग्राफर फराह खान जैसे बड़े नाम भी इस तेल का प्रमोशन करते दिख रहे हैं। इसके चलते लोग इसे अजमाने के लिए उत्सुक हैं। साथ ही, इस तेल की कीमतें भी इसकी प्रीमियम इमेज को बढ़ाती हैं—250 ml की कीमत लगभग 999 रुपये से शुरू होती है।
क्या वास्तव में यह तेल काम करता है?
हालांकि कंपनी दावा करती है कि इस तेल में कई फायदेमंद प्राकृतिक तत्व मौजूद हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ तेल लगाने से बालों की समस्याओं का समाधान संभव नहीं है। मुंबई के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सैय्यद अजारा टी. हामिद के अनुसार, गंजेपन का इलाज सिर्फ तेल से संभव नहीं है, और बाल झड़ने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे जेनेटिक्स, हार्मोनल बदलाव, और पोषण की कमी।
क्या तेल से रूसी और बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है?
गुरुग्राम के हेयर केयर एक्सपर्ट डॉ. रूबेन भसीन पासी का कहना है कि बालों में तेल लगाने से केवल बालों को चिकनाई मिलती है, लेकिन इसका रूसी से कोई संबंध नहीं है। बल्कि ज्यादा तेल लगाने से रूसी की समस्या बढ़ भी सकती है।
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