बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम,और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार यानी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस दौरान उन्होंने कहा कि लोकसभा में मनोज झा ने 9वीं अनुसूची को लेकर जो सवाल संसद में किया था उसका जवाब आया है। बिहार में जातीय आधारित जनगणना करवाकर पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाया गया। इसे 65% किया गया। EWS का 10% पहले की तरह रखा गया। हम लोगों को आशंका थी कि भारतीय जनता पार्टी अड़ंगा लगाएगी। हमने कहा था कि तमिलनाडु के तर्ज पर बिहार के बढ़े आरक्षण को 9वीं अनुसूची में डाला जाए। कोर्ट जाने की आशंका भी थी, इसलिए 9वीं अनुसूची में डालने की बात कही थी।
तेजस्वी यादव ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भरोसा नहीं है कि किस तरह ये लोग अपना पक्ष रख रहे हैं। बिहार व केंद्र सरकार नहीं चाहती कि संविधान की 9वीं अनुसूची में डाला जाए। उन्होंने कहा, “ऐसा तो नहीं कि नीतीश जी ने बाद में 9वीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव वापस ले लिया है। सबके मुंह में दही जमा है, कोई कुछ नहीं बोल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश की केंद्र सरकार नहीं सुन रही है न बिहार में उनका कोई सुन रहा है।
‘सड़क पर लड़ेंगे लड़ाई ,करेंगे कोर्ट का रुख’-तेजस्वी यादव
बता दें, पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि बढ़ाए गए आरक्षण के कोटे को 9वीं अनुसूची में डालने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, राज्य सरकार के पास नहीं. तेजस्वी ने आगे कहा कि हम लोग सड़क पर भी लड़ाई लड़ेंगे, कोर्ट का भी रुख करेंगे। सोमवार को हम लोग याचिका दाखिल करेंगे। JDU की क्या प्रतिक्रिया है ये भी स्पष्ट होना चाहिए ?
पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी केंद्र सरकार नहीं दे रही है जबकि लोकसभा चुनाव में बिहार वासियों का वोट लिया गया। केंद्र में JDU की बहुत अहम रोल है तब भी सीएम नीतीश की कोई नहीं सुन रहा। SC-ST आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हम सहमत नहीं हैं। RJD भी इस फैसले को नहीं मानती है। अगर आमजनता को आर्थिक तौर पर न्याय दिलाना है तो सबको नौकरी दीजिए।
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