दिल्ली शराब नीति घोटाला: मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार यानी आज दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। दो जजों की पीठ ने आज दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने उन पर शर्त लगाते हुए आदेश दिया कि वे अपना पासपोर्ट जमा कर दें, और हर सोमवार को थाने में गवाही देनी होगी। कोर्ट ने उन्हें सचिवालय जाने की मंजूरी दी है। न्यायमूर्ति BR गवई और न्यायमूर्ति KV विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के बाद 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि मनीष सिसोदिया लगभग 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें तुरंत सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह स्वीकार करें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है और जेल एक अपवाद है। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के 2 जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाए।
जानें पूरा मामला
आपको बता दें कि मनीष सिसोदिया को मनी लांड्रिंग मामले मे गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा। उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। सिसोदिया ने कोर्ट से यह कहते हुए जमानत मांगी थी कि वह 17 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ईडी और सीबीआई ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था।
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