भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में लगे गंभीर आरोपों को दंपती ने सिरे से खारिज कर दिया है। 10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अदाणी समूह से जुड़े धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल किए गए अपतटीय (ऑफशोर) फंड में माधबी और उनके पति की हिस्सेदारी थी। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि सेबी ने 18 महीने पहले अदाणी समूह पर जारी रिपोर्ट के बावजूद इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की।
हालांकि, सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने इन आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठा करार दिया है। दंपती ने कहा कि उनका जीवन और वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप चरित्र हनन का प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि सेबी को सभी आवश्यक दस्तावेज पहले ही सौंप दिए गए हैं और वे किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में हिचकिचाहट नहीं रखते।
दंपती ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और वे उचित समय पर इस मामले में एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने सेबी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के बावजूद, इस तरह के झूठे और आधारहीन आरोप लगाए हैं।
गौरतलब है कि माधबी पुरी बुच ने मार्च 2022 में सेबी चेयरपर्सन का पदभार संभाला था, और इससे पहले उन्होंने अपने शेयर्स अपने पति के नाम ट्रांसफर किए थे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में इसे लेकर भी सवाल उठाए गए हैं, लेकिन बुच दंपती ने इसे भी निराधार बताया है।
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