दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। दरअसल बीती 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को मद्देनज़र केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार विमर्श किया जा सकता है, ताकि वे चुनाव प्रचार में शामिल हो सकें।
ED ने किया केजरीवाल की जमानत का विरोध
आपको बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 7 स्टार ग्रैंड हयात होटल में रुके थे और होटल के बिल का भुगतान चनप्रीत सिंह द्वारा किया गया था। चनप्रीत सिंह पर आरोप है कि गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें ही कथित तौर पर सारा फंड मिला था। ED के वकील एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ‘यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। हम इस मामले में हो रही राजनीति को लेकर परेशान नहीं हैं, लेकिन हमारी चिंता सबूतों को लेकर है। शुरुआत में केजरीवाल पर हमारा फोकस नहीं था और न ही ED केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई का विचार कर रही थी, लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो केजरीवाल की भूमिका साफ नज़र आने गई।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल के वकील सिंघवी से कहा कि अगर हम अंतरिम जमानत देते हैं तो केजरीवाल बतौर मुख्यमंत्री आधिकारिक काम नहीं कर सकते क्योंकि इससे समस्या हो सकती है और हम सरकार के कामकाज में कोई दखल नहीं देना चाहते।
अभिषेक मनु सिंघवी बोले ED के पास कोई सबूत नहीं
केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ ED के पास कोई सबूत नहीं हैं और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। वहीं एसवी राजू का कहना है कि गिरफ्तारी का फैसला सिर्फ जांच अधिकारियों का ही नहीं था, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी इसका निर्णय लिया गया था।