बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में मिले हुए हैं और संविधान बचाने का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने दोनों पक्षों को जातिवादी मानसिकता का दोषी ठहराया और कहा कि ये लोग आरक्षण को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं।
मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी हमला करते हुए कहा कि सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण को खत्म किया था। उन्होंने कहा कि ये लोग जाति जनगणना नहीं कराना चाहते हैं, जो कि दलितों और पिछड़ों के हित में है।
उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही भारतीय संविधान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ये कतई उचित नहीं है। इन दोनों ने मिलकर संविधान में इतने संशोधन कर दिए हैं कि अब यह समतामूलक और धर्मनिरपेक्ष नहीं रहा बल्कि पूंजीवादी, जातिवादी और सांप्रदायिक हो गया है।”
मायावती ने जोर देकर कहा कि ये दोनों ही पक्ष आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और आदिवासियों को संविधान का लाभ नहीं देना चाहते हैं। बता दे, बसपा प्रमुख के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और आगामी चुनावों में इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।
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