देश में साल 2022 में भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लेकर आई थी। उसी दिन से इस योजना को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में भारत सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की भर्ती में 10 फीसदी सीटें आरक्षित करने का फैसला लिया है। अब इस पर बसपा सुप्रीमों व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी सवाल उठाएं है। उन्होंने कहा कि सेना में अल्पकालीन भर्ती को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई हैं।
मायावती का सरकार पर तंज
बता दें बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा-“सेना में अग्निवीर के रूप में अल्पकालीन व अस्थाई भर्ती का मामला जन व देशहित से जुड़ा एक ऐसा मामला है जिस पर लोगों की चिन्ताएं बनी हुई हैं, किन्तु सरकार महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि जैसी राष्ट्रीय समस्याओं की तरह इस मामले में भी केवल इधर-उधर की बात कर रही है। उन्होंने आगे लिखा कि “पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण देने की तैयारी में केन्द्रीय सुरक्षा बल, यह मीडिया में नया सरकारी बयान है किन्तु यह नई बात नहीं है जो पहले नहीं कही गई जिसे लोगों ने स्वीकार कर लिया हो। सेना में भर्ती सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि दिल से जुड़ा मामला है जिस पर सरकार को ज़रूर गौर करना चाहिए.”
जानें क्या है अग्निपथ योजना
बता दे, केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना का आरंभ सबसे पहले साल 2022 जून महीने में की थी। इसमें 17 से 21 साल के वर्ग के यूथ को 4 साल के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान किया गया था, जिनमें से लगभग 25 % को 15 वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है। सरकार ने बाद में ऊपरी आयु की सीमा को ज्यादा बढाकर लगभग 23 साल की उम्र कर दिया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इस योजना पर सरकार को निशाना बनती रही है और तमाम सवाल उठा रहे हैं कि 4 साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 75 % अग्निवीरों का आगे क्या भविष्य होगा, क्योंकि कुल भर्तियों में से सिर्फ 25 % ही 15 साल की उम्र तक बने रहेंगे।
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