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नीट-यूजी 2024: सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से फिर किया इनकार, NTA से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 की काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने से पुनः इनकार कर दिया है। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी करते हुए, 8 जुलाई को सुनवाई के लिए याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने नई याचिकाओं को लंबित याचिकाओं के साथ टैग कर दिया है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और अन्य पक्षों को भी नोटिस जारी किया था, जिसमें नीट-यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं को हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। इसके बाद, उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया को नहीं रोकने का फैसला लिया गया।

गुरुवार को कोर्ट ने केंद्र, एनटीए और अन्य पक्षों से जवाब मांगा था। नोटिस नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर जारी किया गया था। जस्टिस विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख 8 जुलाई तय की है।

फिर से परीक्षा कराने की मांग

बता दे, 20 छात्रों की तरफ से दायर याचिकाओं में से एक में NTA और अन्य को फिर से परीक्षा कराने की भी मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को कहा था कि इस एक्साम को कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो।

CBI जांच की मांग वाली याचिका पर भी मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 में प्रश्न-पत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से भी जवाब मांगा है। बता दे, NEET 2024 की परीक्षा पिछले महीने यानी 5 मई को लगभग 4,750 केंद्रों पर कराई गई थी जिसमें करीब 24 लाख स्टूडेंट शामिल हुए थे।

मेघालय केंद्र के छात्रों की याचिका

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ छात्रों की ओर से दायर याचिका पर केंद्र सरकार और एनटीए को भी नोटिस जारी किया। इन छात्रों का आरोप है कि नीट-यूजी परीक्षा के दौरान मेघालय केंद्र में उनके 45 मिनट बर्बाद हो गए थे और उन्हें उन छात्रों में शामिल करने की मांग की गई है जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और जिन्हें 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है। बता दें, यह मामला अब 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें एनटीए और अन्य पक्षों को जवाब देना होगा।

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