काशी के प्रतिष्ठित विद्वान एवं वेदाचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हो गया है। वे 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित थे। उनका अंतिम संस्कार आज प्रातः 11 बजे उनके निवास स्थान मंगलागौरी से किया जाएगा।
लक्ष्मीकांत दीक्षित, जो साङ्गवेद विद्यालय में यजुर्वेद के अध्यापक थे, सनातनी जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति के रूप में जाने जाएंगे। उनके निधन से वेदिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “काशी के प्रकांड विद्वान एवं श्री राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य पुरोहित, वेदमूर्ति, आचार्य श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी का गोलोकगमन अध्यात्म व साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।”
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए उनके शिष्यों और अनुयायियों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है। काशी और अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक समुदायों ने भी इस महान विद्वान को श्रद्धांजलि दी है। उनके योगदान और उपदेशों को सदैव याद रखा जाएगा।
ॐ शांति!