राजधानी लखनऊ में हुए एसिड हमले झुलसी छात्रा का पहला बयान सामने आया है। छात्रा ने कहा कि मैं बहुत तकलीफ में हूं.बस इतना चाहती हूं कि मेरी जिंदगी बर्बाद करने वाला भी ऐसी ही पीड़ा महसूस करे..। दर्द भरे ये शब्द पीड़िता के हैं। उसकी आंखों में जख्म बहुत अधिक है। इसलिए उसकी आंखें खुल नहीं रही हैं। छात्रा लड़खड़ाती जुबान से रुक-रुक कर थोड़ा बातचीत कर रही है। पीड़िता का इलाज जारी है।
गुरुवार को परिजनों ने छात्रा को बताया कि जिस बेरहम शख्स ने उस पर एसिड फेंका था उसको पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया है। इस पर पीड़िता बोली.वह पकड़ा गया, थोड़ा सुकून मिला। लेकिन उसको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैं चाहती हूं कि आरोपी को फांसी हो। तभी मेरे साथ न्याय होगा।
नंबर ब्लॉकलिस्ट में था
पीड़िता का कहना है कि आरोपी उसको बहुत दिनों से परेशान कर रहा था। उसको लगा कि नंबर ब्लॉकलिस्ट कर दिए हैं, तो उससे पीछा छूट जाएगा। जरा भी नहीं लगा था कि वह ऐसी घिनौनी हरकत करेगा, जिससे मेरी ज़िन्दगी ही बर्बाद हो जाएगी। इसलिए किसी से शिकायत नहीं की। पीड़िता ने कहा कि,पता होता कि वह इस तरह से हमला कर सकता है तो तुरंत शिकायत कर देती। परिवार के लोग भी इस बात को लेकर बेहद अफसोस में है कि अगर एक बार भी बेटी ने हमें कुछ बता दिया होता तो ये नौबत न आती और आरोपी पर पहले ही कार्रवाई हो जाती।
रोते रोते बताई आपबीती
बता दें कि ,घटना के प्राथमिक इलाज के बाद जब छात्रा की हालत में थोड़ा -सा सुधार हुआ था तब पीड़िता ने पुलिस और परिवार के लोगों को घटना के बारे में बताया था। पिता के अनुसार , गुरुवार को मजिस्ट्रेट ने अस्पताल जाकर पीड़िता के बयान दर्ज किए। पीड़िता ने रोते रोते मजिस्ट्रेट को बताई आपबीती। पूरी घटना दोहराई। बताया कि वह ई रिक्शा से लोहिया पार्क के पास उतरी। पीछे से किसी ने आवाज लगाई। जैसे ही वह रुकी तो एक युवक आया। बातचीत का प्रयास करने लगा। तभी उनका मौसेरा भाई आ गया और उसने युवक को फटकार कर भगा दिया। चंद सेकेंड बाद वह लौटा और एसिड फेंक दिया।
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