फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और USA-भारत स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के मदद से, अमेरिका में रहने वाले गौरवपूर्ण भारतीय-अमेरिकियों और भारतीयों के एक ग्रुप ने वाशिंगटन के मैरीलैंड उपनगर में अपनी पहली बैठक आयोजित की। जिसमें अमृतसर के निर्माण-विकास के लिए समिति का गठन करेंगे। इसके लिए लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किये जाएंगे।
अमेरिका में पहले पूर्व भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू जो कि अब वापस लौटकर अमृतसर आ गए हैं, उन्होंने इसकी पहल की है। अमृतसर एक खूबसूरत अट्रैक्टिव टूरिस्ट स्थल के रूप में बनकर तैयार किया जा रहा है। संधू ने सेवानिवृत्ति के बाद भारत वापस आने पर अमृतसर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं। यही नहीं वे यहां के लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर भी चुन लिए गए हैं। उन्होंने अमृतसर शहर में प्रतिष्ठित भारतीय प्रवासी सदस्यों का एक सम्मेलन भी गठित किया था। इस सम्मेलन में अमेरिका के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकियों ने हिस्सा लिया। USA-भारत USISPF के अध्यक्ष मुकेश अघी अमेरिका आए। इस सम्मेलन में सह-मेजबानी फिक्की के मौजूदगी में की गई।
वाशिंगटन के मैरीलैंड में एक बार फिर इस मुद्दे पर बैठक में चर्चा हुई। जिसमें अमृतसर के भारतीय अमेरिकी संजीव लखनपाल की मेजबानी में विकसित अमृतसर पहल के गठन का एलान हुआ। मुकेश अघी ने कहा कि इसका फोकस अमृतसर में उद्यमियों को सलाह और उनके सामाजिक रूप से स्टार्टअप को सफल बनाना है। उन्होंने आगे बताया कि अमृतसर स्टार्टअप में निवेश करने के लिए तकरीबन 100 मिलियन डॉलर इकट्ठा किए हैं। 250 से ज्यादा आवेदन हैं जिनकी समीक्षा कर उनका सेलेक्शन करेंगे। ताकि ज्यादा स्टार्टअप अमृतसर में और ज्यादा नौकरियाँ पैदा करें।
उन्होंने आगे कहा, कि यह स्टार्टअप तमाम चीज़ों जैसे कि खेती और कृषि, उद्योग और वाणिज्य, कौशल विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सबंधित, टूरिस्ट और गृह विकास के क्षेत्र में हो सकते हैं। मेरे ग्रुप की तरफ से अमृतसर में स्टार्टअप्स में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक के निवेश किए जाने की पूरी तैयारी है। वहीं विकास और निर्माण किये जा रहे अमृतसर पहल के संस्थापक संजीव लखनलाल ने कहा कि हमारे पास अमृतसर में राजदूत तरणजीत जैसा पार्टनर है जिस पर हम पूरा विश्वास कर सकते हैं क्योंकि हम अपने संसाधन और कोशिश अमृतसर में लगा रहे हैं। वहीं संधू ने कहा कि अमृतसर की कनेक्टिविटी और पूरा निर्माण विकास का दायरा काफी बड़ा है।